ये दुरुद अल्लाह का रहमो करम हासिल करने के लिए बहोत बारे वसीला हे. जो शख्स इसे सौ (१०० ) मर्तबा फजर की नमाज़ के बाद और सौ (100 )मर्तबा ईशा की नमाज़ के बाद पढ़े वो जिदगी भर मुअज़्ज़ज़ और मुकर्रर हे. अगर तगदस्ती और मुफलिसी दूर करने की निय्यत से पढ़े तो बहोत जल्द अल्लाह उस पर करम करेगा और उसके रिज़्क़ में इज़ाफ़ा हो जायेगा और जो सख्श इस दुरुद पाक को रोज़ाना कमसे कम ग्यारह (11 ) मर्तबा पढ़े तो वो इस दुरूदे पाक की वजहसे इज़्ज़त, दौलत और बरकत जैसी अज़ीम नेमतों मालामाल हो जायेगा अगर कोई सख्श रिज़्क़ हलाल खाकर नव्वे (90) दिन तक रोज़ाना इसे ग्यारह सौ (११००) मर्तबा सोते वक्त पढ़े तो इंशाअल्लाह ! ज़ियारते रसूल सल्लाहो अलयही वसल्ल्म से मुसरफ होगा। इसके आलावा जब भी इसे पढ़ा जायेगा तो इससे दुनिया और आख़िरत की भलाई हासिल होगी।
दुरूदे मुसतजुबुल दावत
सल्लाहु एलन नबीय्यिल उम्मियिल करीमी व् अला आलिहि व् असहाबिहि व् सल्ल्म।
तर्जुमा :: रहमत नाजिल फरमाइ अल्लाहने ऊपर नबी के जो उम्मी , करीम हे. और ऊपर उनकी आल और उनके सहाबा के, और सलामती नाज़िल फरमाए।
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